योगी सरकार का बड़ा फैसला: झूठ, बल और छल से शादी अब उत्तर प्रदेश में नहीं चलेगी

पीड़ित परिवारों ने मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना करते हुए कहा, हम उनके फैसले से खुश हैं पर सरकार को इससे भी कड़ी कार्यवाई करनी चाहिए उम्मीद है की अब राज्य के सभी माताओं को मेरे जैसे दुःख नहीं झेलने पड़ेंगे और बेटियां सुरक्षित पढ़ – लिख पायेगी।

बीते 20 वर्षों से लगातार चल रहे लोगों और सरकारों के बीच कड़ी संघर्ष को अब मिली उत्तर प्रदेश के योगी सरकार से सहमति जल्द बनने जा रहा लव जिहाद पर कानून

100 नहीं 1000 नहीं लाखों हिन्दू बच्चियों को अब तक कर दिया बेघर, कुछ को मार दिया गया तो कुछ से करवाई जा रही थी जिस्म – फरोसी।

कानपुर लव जिहाद के जांच के लिए एक SIT की गठन हुई थी जिसमे हाल ही के 14 मामलों को शामिल किया गया था जिनमे 11 मामले ऐसे थे जो किसी न किसी रूप में अपराध होना पाया गया।

देश में लगातार बढ़ रहे ऐसे मामलों से लोगों में थी सनसनी, माता – पिता अपने बेटियों के पढाई – लिखाई और भविष्य को ले कर हो गए थे काफी चिंतित जिसकी सूचना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिली तब उनहोंने तुरंत इस पर कार्यवाई और कानून बनाने का आश्वासन दिया।

अब सरकार द्वारा बेटियों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 24 नवंबर 2020 को पास किया गया अध्यादेश जिस पर राज्यपाल से मंजूरी और विधानसभा के अगले सत्र में चर्चा के बाद दिया जायेगा कानून का रूप।

प्रयागराज (इलाहबाद) हाई कोर्ट से जस्टिस विवेक अग्रवाल और पंकज नकवी की खंडपीठ ने कहा की कौन किस से शादी करेगा इसका फैसला सरकार नहीं करेगी, जो भी होगा दो बालिग के मौलिक अधिकार के तहत होगा जिसे हम हिन्दू और मुसलमान के रूप में नहीं देखते हम उन्हें दो इंसानों के रूप में देखते हैं और दो इंसान आपस में शादी कर सकते हैं।

इसपर स्पष्टीकरण करते हुए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कहा, अगर कोई नाम बदल कर, किसी को धोखा देकर किसी को अपना धर्म व मजहब ना बता कर कोई शादी करता है तो ऐसे लोगों के लिए 3 से 5 वर्षों तक की सजा है और 15 से 20 हजार रूपये का जुरमाना भी।

साथ हीं SC – ST लॉ का विस्तार रूप पास करते हुए कहा गया है की अगर कोई SC – ST की बेटी से विवाह करता है तो फिर उन्हें SDM या DM को ये सूचना पहले देना होगा और उनके सामने उपस्थित होना पड़ेगा और अगर उसके साथ लव जिहाद होता है या कोई धोखा – धरी होती है तो उस धोखा – धरी करने वाले व्यक्ति और उसमे शामिल जितने भी लोग होंगे उन्हें भी 10 सालों की कड़ी सजा का प्रावधान है।

ये शादी और धर्म परिवर्तन तब तक संवैधानिक नहीं माना जायेगा जब तक की उस लड़की का उस धर्म या संप्रदाय के प्रति पूर्ण आस्था ना हो।

अगर कोई व्यक्ति SC – ST लॉ की तर्ज पर किसी SC – ST का प्रॉपर्टी तब तक नहीं खरीद सकता, जब तक की सरकार से अनुमति न मिल जाए उसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति किसी SC – ST को उसके जाती सूचक नामों से पुकारता है तो उसके लिए भी कड़ी सजा का प्रावधान है।

उत्तर प्रदेश निषेधाज्ञा रूपांतरण अध्यादेश- 2020:

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