देखिए, बॉलीवुड कैसे झूठ परोस हमारा ब्रैनवॉश करता आया है—बॉलीवुड के अनुसार भारत जैसे आज पैदा हुआ हो

The Kashmir Files फिल्म आने के बाद से इंटरनेट के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन दिनों बॉलीवुड एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही जिसमे अमिताभ बच्चन यह कहते हुए दिख रहे हैं की: “हिल स्टेशन का खोज अंग्रेजों ने किया” और “कश्मीर का खोज मुगलों ने किया।”

अमिताभ बच्चन: “हिल स्टेशन का खोज अंग्रेजों ने किया” और “कश्मीर का खोज मुगलों ने किया”
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उनके जानकारी के लिए यह बताना आवश्यक है की अंग्रेजों द्वारा नाम बदल देने से अधिकार नहीं बदल जाते।

डिस्कवर किया से क्या मतलब है इनका, क्या वहां लोग नहीं रहते थे??? यह सुनने में इतना हास्यास्पद है जैसे यह वीडियो क्लिप कोई मजाकिया फिल्म से लिया गया हो, पर दुर्भाग्य से यह मजाकिया फिल्म का क्लिप नहीं है। ये लोग इस झूठ को हमारे दिमाग में सच के तौर पर बैठाने के प्रयास में लगे हैं।

बच्चन के सामने बैठी महिला मुगलों का बखान करते नहीं थक रहीं; मुग़लों का आर्किटेक्चर (वास्तुकला), म्यूजिक (संगीत), पेंटिंग (चित्र), जबकि मुग़ल एक लूटेरा था जो रेगिस्तान से भारत को लूटने आया, यहाँ की मंदिरों को तोड़ा उसपर गुम्बद लगाया और अपना कह दिया।

यह तो एक मुर्ख भी आसानी से समझ जाये की पूर्व में रेगिस्तान से आये लूटेरों को ना तो वास्तुकला आती होगी, ना ही संगीत, और ना ही चित्रों से उनका दूर-दूर तक कोई वास्ता हो सकता। वे बस यहाँ आकर लूट-पाट किये, कत्लेआम किया, धर्म बदला, संस्कृतियाँ नष्ट की, लोगों को गुलाम बनाया, शिक्षा केंद्रों को नष्ट किया, और अच्छी दिखने वाली चीजों में थोड़ी बदलाव कर उन्हें अपना कह दिया।

अब इसी सच को बॉलीवुड वाले अपने झूठ से बदलने के प्रयास में लगे हैं। इन लोगों ने भारत के सभी पहचान चिन्हों पर चोट किया है फिर कश्मीर कैसे इनसे छूट जाता।

इनके अनुसार कश्मीर से मारे और भगाये गए हिन्दुओं का तो जैसे कोई रिस्ता ही नहीं, भारत में मुगलों के आक्रमण से पहले कश्मीर में कोई रहता ही नहीं था और ना ही किसीने कश्मीर देखे थे।

इनका एक तंत्र कश्मीर से हिन्दुओं को कश्मीर से भगाया तो दूसरा तंत्र उसकी फिल्मों के जरिए धुलाई कर रहा है, ताकि हमारे चल रही और आने वाली पीढ़ी के स्मृति में ये आसानी से बिठाया जा सके की कश्मीर भारत का तो है ही नहीं, उसका अविष्कार तो मुग़लों ने किया था इसलिए उसपर उनके संतानों का ही अधिकार है और रहना चाहिए।

इन षड्यंत्रों के पीछे बैठे खिलाड़ी ने इसका पूरा ध्यान रखा की हम आने वाले समय में सवाल भी ना पूछ सकें की क्या कश्मीर से हमारा कोई रिश्ता भी है!

बॉलीवुड में जिसका जितना बड़ा नाम है वह उतना ही बड़ा भारत, भारतीय, भारतीयता और भारतीय संस्कृति विरोधी है क्योंकि इन्हे एक व्यवस्थित तरीके बड़ा बनाया गया है।

वैदिक और भारतीय संस्कृति का सबसे ज्यादा नुकसान इन बॉलीवुड वालों ने किया है, ऐसा कहना पूरी तरह से सही नहीं होगा क्यूंकि सारे तंत्र एक साथ मिलके अपने अजेंडे के तहत काम पर लगे हैं!

तथाकथित आजादी के मिलने बाद से हमारा सिस्टम ही ऐसा बना दिया गया है की हम वास्तविक ज्ञान से दूर रहें, जिससे हमे मानसिक तौर पर गुलाम बनाये रखा जा सके क्यूंकि सीधे तौर पर लड़ कर वो जीत जाएँ इसकी संभावना ना के बराबर है।

आज हम भी उनके ही भाषा में अपने शस्त्र और सैन्य शक्ति की वजह से उन्हें जवाब देने में समर्थ हैं इसलिए वे पहले की तरह हमे गुलाम बनाने में विफल हैं तो मासिक गुलामी ही सही।

इसलिए अपने धर्म ग्रंथों पर विश्वास कीजिए वो सर्वोत्तम हैं उन्हें खुद से पढ़िए, रिसर्च कीजिये, जानिये; उससे बढ़ कर कुछ और नहीं—यह लोग अपने अजेंडे के तहत काम पर लगे हैं, ये तो बस मोहरे हैं इनके पीछे कोई और है।

“कश्मीर की खोज मुगलो ने की थी, भारत में हिल स्टेशन की खोज अंग्रेजों ने की थी” मतलब कुछ भी परोसते हैं… ये जब ठीक ढंग से कपडे पहनना नहीं जानते थे तब हम विश्वगुरु हुआ करते थे, हाँ आज षड्यंत्रों के तहत इनके और बीते वर्षों के घटिया लोगों का राजनीति पर अधिकार होने की वजह से हमारे लोग भ्रमित अवश्य हुए हैं पर इतने भी नहीं की हम वापिस से खड़े ना हो सकें!

एक लम्बे अरसे बाद अब कोई खड़ा हुआ जो इन्हे, इन्ही के भाषा में जवाब देना शुरू किया है जैसे विवेक अग्निहोत्री द्वारा बनाई गयी नई फिल्म “द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files)” ने इनकी नींदें उड़ा दी है!

कुछ कट्टरपंथी और इन बॉलीवुड जमात वालों ने कोसिस तो बहुत करि थी किसी तरह इस फिल्म को रोका जाए पर सिस्टम में हमारे अपनों के होने की वजह से इनकी एक ना चली और फिल्म सुपर हिट गयी।

हालाँकि, The Kashmir Files के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ऐसे पहले व्यक्ति नहीं हैं जिन्होंने यह प्रयास किया है बल्कि बीते समय में ऐसे और भी लोग हुए जिन्हे षड्यंत्रों द्वारा खत्म कर दिया गया। आज विवेक जी ऐसा करने में सफल हैं क्यूंकि तंत्रों में हमने हमारे लोग बैठाने शुरू कर दिए हैं।

आने वाला भविष्य उस ओर जा रहा है की अमिताभ बच्चन जैसे लोगों को इनके करतूत की वजह से इनसे नफरत करेंगे लोग—ये अपने ही घरों में अपनी पहचान ढूंढने का प्रयत्न करेंगे। हमे बस हमारे लोगों का समर्थन के लिए तैयार रहना होगा ये पराजित हो रहे हैं।

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